Zaid crops: गर्मियों की फसल का रकबा घटकर 65.29 लाख हेक्टेयर पर, मोटे अनाज का रकबा बढ़ा
Zaid crops: आंकड़ों से पता चलता है कि धान और तिलहन का रकबा कम है, जबकि दलहन और मोटे अनाज का रकबा बढ़ा है.
जायद व ग्रीष्मकालीन फसलों के उगाने का मौसम छोटा यानी मार्च-जून होता है. (Image- Freepik)
जायद व ग्रीष्मकालीन फसलों के उगाने का मौसम छोटा यानी मार्च-जून होता है. (Image- Freepik)
Zaid crops: देश में अभी तक गर्मियों की फसल का रकबा मामूली घटकर 65.29 लाख हेक्टेयर रह गया है. कृषि मंत्रालय (Ministry of Agriculture) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. आंकड़ों से पता चलता है कि धान और तिलहन का रकबा कम है, जबकि दलहन और मोटे अनाज (Millets) का रकबा बढ़ा है.
मंत्रालय ने सोमवार को 28 अप्रैल, 2023 तक ग्रीष्मकालीन फसलों के खेती के रकबे में हुई प्रगति का ब्योरा जारी किया. आंकड़ों के अनुसार, अभी तक धान का रकबा 27.45 लाख हेक्टेयर है, जो एक साल पहले की समान अवधि में 29.14 लाख हेक्टेयर था. दलहन का रकबा 16.23 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 17.57 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि मोटे अनाज का बुवाई क्षेत्र 10.19 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 10.86 लाख हेक्टेयर हो गया.
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गैर-खाद्यान्न श्रेणी में, तिलहन का रकबा 28 अप्रैल तक घटकर 9.40 लाख हेक्टेयर रह गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 10.46 लाख हेक्टेयर था. कुल मिलाकर, 28 अप्रैल तक गर्मियों की फसल का कुल रकबा 65.29 लाख हेक्टेयर था, जो एक साल पहले की समान अवधि के 66.02 लाख हेक्टेयर के आंकड़े से थोड़ा कम है.
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जायद (Zaid crops) व ग्रीष्मकालीन फसलों के उगाने का मौसम छोटा यानी मार्च-जून होता है. यह रबी (सर्दियों में बोई जाने वाली) और खरीफ (गर्मियों में बोई जाने वाली फसल) मौसम के बीच होती है. जायद/गर्मी की फसलें वहां उगाई जाती हैं जहां सुनिश्चित सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध हों.
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